Tuesday, 1 December 2009

शारदा स्तुति

या कुन्देन्दु तुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमंडितकरा या श्वेतपद्मासना

या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिदेवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमाद्यां जगद्व्यापिणीम्
वीणापुस्तकधारिणीं भयदां जाद्यान्धाकारापहाम्

हस्ते स्फटिकमालिकां विद्धतीं पद्मासनेसंस्थिता
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां
शारदां । ।

यह कुछ आश्रमों का मौनवेला मंत्र है।

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