यह ब्लॉग नेतरहाट विद्यालय की यादों को समर्पित है. नेतरहाट को हम हाटियन न जाने कितने ही विविध रूपों में देखते आते हैं और वो सब कुछ हमारी भावनाओं में सदा प्रवाहित होता रहता है. नेतरहाट में हमने जीवन को जिन खूबसूरत बेहतरीन आयामों के साथ जिया था, उन्हें ही फिर से एक जगह सहेजने का यह लघु प्रयास है. आपके सुझाव यहाँ सादर आमन्त्रित हैं. raghav0435@gmail.com .... awanish413@gmail.com
Monday, 12 January 2009
विद्यालय गान ........(सम्पूर्ण)
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा,
वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।
धन्य महाप्रांगण यह विंध्य प्रकृति क्रीड़ा का;
वन मे वनपशुओं का विचरण स्वच्छन्द यहाँ;
विहगों से कंठ मिला गाते नवगान सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
उषा के साथ जगें,प्रतिदिन मंगलमय हो;
कार्य पूर्ण प्रतिपल हो,ज्ञान वृद्धि जनहित हो;
अंतरतर का मधुमय गाये संगीत सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
तन मन जन प्राण मिला,नवयुग से नवगति ले,
संग पवन मेघ गगन,संग सूर्य चाँद संग;
तारे ग्रह चरण मिला,चलते नवचाल सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
साधक हैं समता के,सत्य न्याय करुणा के,
हिन्द प्रेम सम्बल है,विश्व प्रेम साध्य बना;
जन-जन मे ज्योति जगे,सत चित् आनन्द सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
पायें वरदान कि हों अंकुर तरु मे परिणत,
रस ले फल-फूलों से,स्वस्थ बने मानवता;
'शिव'हो कल्याण सखा,गूँजे जयकार सदा,
वन्दे! वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट सदा।
वन्दे हे सुन्दर मम सखा नेतरहाट।
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बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteKitna sundar geet hai...widyathriyon ko prakrutee ke saath samras hona sikhata, prakruteeka samvardhan sikhata.....iske rachetako mera naman hai !
ReplyDeleteAaka shubhkamnayon sahit swagat hai !
स्वागत है आपका। आपकी रचना अच्छी लगी।
ReplyDeleteयह हमारी रचना नहीं है, बल्कि नेतरहाट विद्यालय का विद्यालय गीत है।
ReplyDeleteOne of the most beautiful part of my life is my hatian days and I could had the opportunity of studying at Netarhat Vidyalaya.
ReplyDelete-Rajeshwer (Ashok Ashram, 89-93).